विधानसभा में गूंजी बिलाईगढ़–पवनी सहकारी बैंक का मुद्दा.......विधायक कविता प्राण लहरे ने सरकार को घेरा, कहा – यह प्रशासनिक विफलता......

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को बिलाईगढ़ एवं पवनी में सहकारी बैंक संचालन का मुद्दा जोरदार ढंग से उठा। बिलाईगढ़ की विधायक श्रीमती कविता प्राण लहरे ने सरकार को घेरते हुए कहा कि ग्रामीण और कृषि-प्रधान क्षेत्रों में सहकारी बैंक की स्वीकृति मिलने के बावजूद आज तक बैंक संचालन शुरू न होना सरकार की गंभीर प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है।

विधायक कविता प्राण लहरे ने सदन में कहा कि मंत्री के उत्तर से स्पष्ट है कि भारतीय रिज़र्व बैंक से स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है, इसके बावजूद कर्मचारियों की कमी और लापरवाही के चलते बैंक आज तक जनता के लिए नहीं खुल पाए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार को पहले से पता था कि बैंक संचालन के लिए मानव संसाधन आवश्यक हैं, तो समय रहते भर्ती या वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई।

उन्होंने यह भी बताया कि 26 नवंबर 2024 और 11 अप्रैल 2025 को आरबीआई से समय-सीमा बढ़ाने के लिए पत्राचार किया गया, लेकिन सरकार की कमजोर तैयारी के कारण दोनों ही बार अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया।

विधायक ने कहा कि यह मामला केवल बैंक खोलने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे किसानों, स्व-सहायता समूहों, छोटे व्यापारियों और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उदासीनता के कारण आज भी क्षेत्र की जनता साहूकारों पर निर्भर रहने को मजबूर है।

कविता प्राण लहरे ने सरकार से मांग की कि:
• तत्काल विशेष भर्ती या प्रतिनियुक्ति के माध्यम से कर्मचारियों की व्यवस्था की जाए,
• आरबीआई से पुनः समन्वय कर बैंक संचालन की स्पष्ट समय-सीमा तय की जाए,
• और बिलाईगढ़ व पवनी की जनता को बताया जाए कि उनका बैंक आखिर कब खुलेगा।

उन्होंने मंत्री के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि “बैंक संचालन प्रारंभ होने की निश्चित तिथि बताना वर्तमान में संभव नहीं है।”
विधायक ने इसे सरकार की विफलता की स्वीकारोक्ति बताया।

अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो जनता का भरोसा इस व्यवस्था से पूरी तरह उठ जाएगा।