रामनामी समुदाय के नाम पर प्रचार, विकास शून्य: बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरें ने सरकार को घेरा......

Views
Yuvraj Yadav-09977508311
रायपुर | विधानसभा विशेष:-
विधानसभा में ग्राम चंदलीडीह और रामनामी समुदाय के मुद्दे पर आज सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए बिलाईगढ़ विधायक श्रीमती कविता प्राण लहरें ने पर्यटन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार के ही लिखित उत्तर का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश-विदेश से पर्यटक चंदलीडीह आए हैं और रामनामी समुदाय की संस्कृति का व्यापक प्रचार सोशल मीडिया, वेबसाइट और विभिन्न आयोजनों में किया गया, इसके बावजूद गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

विधायक कविता प्राण लहरें ने सदन में कहा कि सरकार स्वयं स्वीकार कर रही है कि ग्राम चंदलीडीह तक न पक्की सड़क है, न कोई पर्यटन सुविधा, न विश्रामगृह और न ही कोई ठोस विकास योजना। उन्होंने तीखा सवाल उठाया—
“जब पर्यटन आ रहा है तो विकास की जिम्मेदारी किसकी है? क्या प्रस्ताव बनाना सरकार का काम नहीं है?”

रामनामी समुदाय को प्रभु श्रीराम की भक्ति में रची-बसी एक अनूठी और जीवित सांस्कृतिक परंपरा बताते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि देश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है। ऐसे ऐतिहासिक समुदाय की उपेक्षा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री स्तर के नेता रामनामी समाज के साथ मंच साझा करते हैं, तस्वीरें खिंचवाते हैं और भाषण देते हैं, लेकिन जिस ग्राम चंदलीडीह से यह संस्कृति जीवित है, वहां तक आज भी पक्की सड़क नहीं पहुंच पाई है।

विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा—
“रामनामी समुदाय कोई प्रदर्शनी की वस्तु नहीं है। यह एक जीवित समाज है, जिसके साथ न्याय होना चाहिए।”

बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरें ने सरकार से तीन ठोस मांगें रखीं—
• ग्राम चंदलीडीह को तत्काल राज्य स्तरीय पर्यटन केंद्र घोषित किया जाए।
• गांव तक पक्की सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य और आवास की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
• रामनामी समुदाय के लिए विशेष पर्यटन विकास पैकेज लाया जाए।

अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा—
“सम्मान फोटो से नहीं, नीति और बजट से होता है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि रामनामी समुदाय को केवल राजनीतिक प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, वास्तविक सम्मान नहीं दिया जा रहा।

विधानसभा में इस मुद्दे के उठते ही राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है और अब सबकी निगाहें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।