बलौदाबाजार जिले का सबसे बड़ा खनिज भ्रष्टाचार हुआ उजागर.......खपरीडीह का बड़ा झाड़ का जंगल बना अवैध पत्थर खदान का अड्डा..........मजबूरी मे खनिज विभाग ने खानापूर्ति के लिए की कर्रवाई.....

Views
Yuvraj Yadav09977508311
कसडोल। ज्ञात हो कि जिला बलौदा बाजार अवैध खनिज के मामले मे हमेशा से बदनाम रहा है ।चाहे रेत उतखनन हो,ईंट भठ्ठा हो या पत्थर खदान हो।खनिज विभाग की मौन स्वीकृति एवं प्रशासन की अनदेखी से माफिया गुट कलेक्टर के आदेश का अवहेलना कर रहे हैँ।करीब 70 एकड़ भूमि पर पचासों फीट गड्ढा माफियाओं द्वारा कर दिया है।भुजल स्तर नीचे चले जाने से लोग पानी के लिए तरस रहे हैँ और प्रशासन मौन है।जिले का सबसे बड़ा अवैध पत्थर खदान कसडोल विकासखंड के ग्राम खपरिडीह मे जो, जहाँ सालों से बिना लीज के पत्थर का अवैध उतखनन हो रहा है।इस समय खपरीडीह अवैध उतखनन के लिए प्रसिद्ध है। अवैध खनन वहां पर हो रहा है जहाँ बड़ा झाड़ का जंगल रिकार्ड मे दर्ज है।जिसे शासन प्रशासन द्वारा सुरक्षित रखा गया है और यहाँ किसी को क्षति पहुँचाने की आजादी नहीं है। फिर भी खनन माफियाओं द्वारा करीब 70 एकड़ भूमि पर पचासों फीट कड्ढा खोड़कर पत्थर की निकासी किया जा रहा है जिससे शासन को करोड़ो रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है।अवैध उतखनन करने वाले कोई बाहरी नहीं है बल्कि गांव वाले हि हैँ।यह अवैध खनन खनिज विभाग की मिलीभगत से हो रहा है और राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चादर ओढ़ कर सोए हुए हैँ।जिससे आम जनता परेशान हैँ।क्योंकि खदान 50 से अधिक फीट गहरा होने के चलते जल स्तर काफी नीचे चला गया है जिससे लोगो को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।लेकिन जनता की परेशानी से खनिज एवं राजस्व विभाग को क्या लेना देना है ,उनका जेब गरम होना चाहिए।यदि ऐसा नहीं होता तो सालों से इतनी बड़ी मात्रा में अवैध पत्थर खदान बेखौफ़ संचालित नहीं होता।इस अवैध पत्थर खदान के संचालन में स्पष्ट  रूप से खनिज विभाग की मिलीभगत और राजस्व अधिकारियों का मौन होना संदेह को जन्म देता है। ऐसा कैसे हो सकता है कि सालों से इतनी बड़ी मात्रा मे उतखनन हो रहा हो और प्रशासन को जानकारी ना हो ,जबकि वहां अनेको क्रेशर गिट्टी मशीनें चल रही हैँ।इस अवैध उतखनन मे जे सी बी एवं पॉकलेन मशीन का लगातार उपयोग किया जा रहा है।साथ ही ट्रेक्टर एवं हाइवा से पत्थर व गिट्टी का परिवहन भी किया जा रहा है।अवैध परिवहन रोकने गिधौरी मे चेकपोस्ट था उसे भी हटा दिया गया है।इसी रास्ते से खनिज अन्य जिले मे भेजा जाता है।वहीं क्रेशर वालों ने पत्थरोन् को बड़ी मात्रा में डम्प कर रहे है जिससे पशुओं के लिए चरागाह की कमी हो रही है।कलेक्टर द्वारा उस स्थान पर सूचना बोर्ड लगाकर निर्देशित किया गया है उसका असर भी माफियाओं पर नहीं हो रहा हैऔर् अवहेलना की जा रही है।शिकायत होने पर 15 मई को दोपहर खनिज अधिकारी छापा मारकर 10 ट्रेक्टर अवैध खदान से जप्त किए जबकि 3 डाइवर ट्रेक्टर छोड़कर फरार हो गए।खपरीडीह का अवैध खदान कभी बंद होगा या नहीं यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।फिलहाल खनिज विभाग की पोल खुल गई है।