जहां जा रहे PM मोदी, वहां इजरायल को मिला सात का साथ

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इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच जी-7 नेताओं ने इजरायल के पक्ष में खुलकर बयान दिया है। इस समूह के नेताओं ने जोर देकर कहा कि तेल अवीव को भी अपनी रक्षा करने का अधिकार है। सूत्रों ने एक मसौदा बयान का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। उसके मुताबिक, बयान में यह भी कहा गया है कि तेहरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं।

जी-7 का यह मसौदा ड्राफ्ट इसलिए मायने रखता है क्योंकि इसमें G-7 के तहत आने वाले देशों, मसलन-ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन के नेता मंगलवार को कनाडा के रिसॉर्ट कनानास्किस में मिलने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री  भी इसमें शामिल होंगे, जो आज साइप्रस का दौरा खत्म कर कनाडा जा रहे हैं। पीएम मोदी भी इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

इस बात की पूरी संभावना हा कि इस शिखर सम्मेलन में इजरायल-ईरान संघर्ष,  और यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि जी7 के मसौदा वक्तव्य के अनुसार, नेताओं ने इजरायल और ईरान से तनाव कम करने और क्षेत्रीय स्थिरता से समझौता करने से बचने का आह्वान किया है। मसौदा वक्तव्य में कहा गया है कि जी7 नेता ऊर्जा बाजार सहित बाजार स्थिरता की रक्षा के लिए भी काम करेंगे।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। साइप्रस का दौरा खत्म कर वह कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत रात को कैलगरी पहुंचेंगे, जहां वह कनानास्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह मोदी की एक दशक में कनाडा की पहली यात्रा है।

प्रधानमंत्री मोदी लगातार छठी बार जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 16-17 जून को कनानास्किस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। रविवार को विशेष गर्मजोशी दिखाते हुए साइप्रस के राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने लार्नाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर उनका स्वागत किया। मोदी दो दशकों से अधिक समय में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।मोदी की इस यात्रा के दौरान उन्हें साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ से सम्मानित किया गया।