कुछ ही वक्त पहले की बात है। पाकिस्तान ने ईरान का साथ देने की हुंकार भरी थी। इस्लामिक भाईचारे की गुहार लगाई थी। दावा तो यहां तक था कि अगर ईरान पर आंच आई तो पाकिस्तान इजरायल पर परमाणु हमला कर देगा। लेकिन आज जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बोला दिया तो पाकिस्तान ने तत्काल प्रतिक्रिया तक नहीं दी। काफी देर के बाद उसने एक नपा-तुला बयान जारी किया, जिसमें कहाकि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है। आरोप लग रहे हैं कि पाकिस्तान की यह चुप्पी ट्रंप-मुनीर के बीच मीटिंग की देन है। बता दें कि बीते दिनों पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक की थी। इसके बाद से ही पाकिस्तान ने ईरान के समर्थन में बयान देना बंद कर दिया था।
पहले कही थीं बड़ी-बड़ी बातें
बता
दें कि कुछ समय पहले ही पाकिस्तान ने ईरान के समर्थन में बड़ी-बड़ी बातें
कही थीं। यह बातें किसी और की तरफ से नहीं, बल्कि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री
ख्वाजा आसिफ की तरफ से कही गई थीं। आसिफ ने कहा था कि ईरानी हमारे भाई है।
इस मुश्किल वक्त में पूरी तरह से ईरान के साथ खड़े हैं। हम उनके हितों की
हिफाजत करेंगे। इसके अलावा उन्होंने सभी मुस्लिम देशों की एकजुटता की भी
बात कही थी। आसिफ ने कहा था कि इजरायल केवल ईरान ही नहीं, यमन और फिलिस्तीन
पर भी निशाना साध रहा है। ऐसे में मुस्लिम देशों की एकता बेहद जरूरी है।
फिर हुई आसिम मुनीर और ट्रंप की मुलाकात
इसके
कुछ ही दिनों के बाद पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसिम मुनीर और अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आसिम
मुनीर के सम्मान में व्हाइट हाउस में लंच का आयोजन किया। हालांकि मीडिया को
इस आयोजन से दूर रखा गया था। बाद में ट्रंप ने बताया कि मुनीर से उनकी
क्या-क्या बातें हुईं। ट्रंप ने कहाकि जनरल मुनीर ईरान को अच्छी तरह से
जाते हैं। उनके साथ ईरान को लेकर चर्चा हुई। यह पहली बार था जब ट्रंप ने
किसी देश के सेना प्रमुख के साथ ऐसे बात की थी। इस मुलाकात में पाकिस्तानी
प्रधानमंत्री के शामिल न होने को लेकर आलोचना भी हुई। वहीं, इस मुलाकात को
लेकर तमाम तरह के कयास लग रहे थे। लेकिन अब जब ईरान पर अमेरिका ने हमला बोल
दिया है और पाकिस्तान चुपचाप बैठा हुआ तो अनुमानों से पर्दा काफी हद तक हट
चुका है।
बंद कर दी थी सीमा
वैसे यह पहली बार
नहीं है जब पाकिस्तान ने ईरान से दूरी बनाई है। इसके पहले भी उसने कुछ ऐसा
किया था जिससे संकेत मिल रहे थे कि वह ईरान का बहुत गंभीरता से साथ नहीं
देने वाला है। ईरान और इजरायल के बीच हमलों में तेजी आने के बाद पाकिस्तान
ने बलूचिस्तान में ईरान से लगी अपनी सीमा बंद कर दी थी। ऐसा इसलिए किया गया
था ताकि तेहरान व अन्य ईरानी शहरों से विस्थापन के बाद पाकिस्तान पर बोझ न
पड़े। बलूचिस्तान प्रांत के वरिष्ठ अधिकारी कादिर बख्श पीरकानी ने कहा था
कि सभी पांच जिलों चाघी, वाशुक, पंजगूर, केच और ग्वादर में सीमा केंद्र बंद
कर दिए गए हैं।
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