भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई पर बड़ी कार्रवाई की है। बाजार नियामक ने बीएसई पर नियम उल्लंघन को लेकर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि बीएसई हितधारकों को कॉरपोरेट खुलासे तक समान पहुंच प्रदान करने में विफल रहा और कारोबार के दौरान लगातार संशोधन करने वाले ब्रोकरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। सेबी ने फरवरी, 2021 और सितंबर, 2022 के बीच किए गए निरीक्षण के बाद यह आदेश पारित किया।
क्या कहा गया है सेबी के आदेश में
सेबी ने 45 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि बीएसई की प्रणाली ढांचे ने इसके भुगतान करने वाले ग्राहकों और आंतरिक सूचीबद्धता अनुपालन निगरानी (एलसीएम) टीम को कॉरपोरेट घोषणाओं तक वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक होने से पहले पहुंच प्रदान की, जिससे मानदंडों का उल्लंघन हुआ। नियामक ने यह भी देखा कि डेटा प्रसार प्रक्रिया में सभी हितधारकों के लिए एक साथ और समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों की कमी थी, जो बाजार की अखंडता को बनाए रखने और अनुचित सूचना लाभ को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
सेबी ने क्या निष्कर्ष निकाला
इसके बाद सेबी ने निष्कर्ष निकाला कि बीएसई प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) एसईसीसी (स्टॉक एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन) विनियम, 2018 के विनियमन 39 (3) का अनुपालन करने में विफल रहा, जो शेयर बाजार को सभी उपयोगकर्ताओं के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी पहुंच सुनिश्चित करने का आदेश देता है। इसने यह भी पाया कि बीएसई ने वास्तव में सरल सिंडिकेशन (आरएसएस) फीड स्थापित नहीं किया, जो कॉरपोरेट खुलासे तक असमान पहुंच के जोखिम को कम कर सकता था। हालांकि, बाद में शेयर बाजार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए उपाय किए, लेकिन सेबी ने माना कि निरीक्षण में खामियों को उजागर करने के बाद ही ऐसी सुधारात्मक कार्रवाई की गई थी।
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