पश्चिम बंगाल में नौकरी से बाहर हुए स्कूलों के ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद ऐलान किया कि ऐसे कर्मचारियों को अब राज्य सरकार की तरफ से हर महीने आर्थिक मदद दी जाएगी। ग्रुप सी के कर्मचारियों को 25000 रुपये और ग्रुप डी के कर्मचारियों को 20000 रुपये मासिक सहायता तब तक मिलेगी, जब तक अदालत में इनकी नियुक्ति को लेकर केस लंबित है।
इस फैसले की जानकारी आनंदबाजार पत्रिका ने दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह योजना श्रम विभाग के तहत चलाई जाएगी और इसका नाम पश्चिम बंगाल आजीविका और सामाजिक सुरक्षा अंतरिम योजना रखा गया है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू मानी जाएगी और कैबिनेट की मुहर के बाद उसी महीने की राशि कर्मचारियों को मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट रद्द कर दी थी 26 हजार नियुक्तियां
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए हुई लगभग 26 हजार नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। इनमें शिक्षक और शिक्षाकर्मी दोनों शामिल थे। कोर्ट ने शिक्षकों को तो स्कूल जाने की अस्थायी इजाजत दे दी है लेकिन ग्रुप सी और डी के स्टाफ को इससे बाहर रखा गया, जिससे उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
पीआईएल पर क्या बोलीं ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर कहा कि कुछ लोग बिना सोचे-समझे पीआईएल दाखिल कर रहे हैं और इसका खामियाजा हजारों परिवार भुगत रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "बिना नौकरी देने की औकात के लोग बस पीआईएल करते हैं और दूसरों को मुश्किल में डालते हैं।" इसी वजह से राज्य सरकार ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये स्कीम शुरू की है।
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