केरल तट के पास 640 कंटेनर ले जा रहा लाइबेरियाई मालवाहक जहाज MSC Elsa 3 समुद्र में पलटकर डूब गया है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है। हादसे के समय जहाज पर मौजूद तीन अंतिम क्रू सदस्यों को भी भारतीय नौसेना ने बहादुरी से बचा लिया। तटरक्षक बल ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘25 मई की सुबह, एमएससी ईएलएसए 3 तेजी से झुका और पलटकर डूब गया।’’ इससे पहले भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 24 में से 21 क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। इनमे एक रूसी, 20 फिलीपीनी, दो यूक्रेनी और एक जॉर्जियन नागरिक शामिल हैं।
13 कंटेनर खतरनाक रसायनों से भरे
बताया गया है कि यह जहाज शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम के नजदीक स्थित विझिंजम पोर्ट से रवाना होकर कोच्चि जा रहा था। जहाज की लंबाई 184 मीटर है और इसमें कुल 640 कंटेनर लदे थे, जिनमें से 13 कंटेनर खतरनाक रसायनों से भरे थे। इनमें 12 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड और जहाज की टंकी में 84.44 मीट्रिक टन डीजल मौजूद था। आईसीजी ने कहा, ‘‘जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था।’’ तटरक्षक बल के पश्चिमी क्षेत्र के इंस्पेक्टर जनरल भिषम शर्मा ने बताया कि कंपनी की सूचना के अनुसार जहाज 26 डिग्री तक झुक चुका था और तत्काल सहायता मांगी गई थी। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद थी कि जहाज स्थिर हो जाएगा, लेकिन पानी भर जाने के कारण वह डूब गया।"
दूसरे जहाजों के लिए खतरा बन सकते हैं कंटेनर
INS सुजाता नामक भारतीय नौसेना के जहाज ने तीनों बचे हुए क्रू सदस्यों को कठिन परिस्थितियों में बचा लिया। INS सुजाता अभी भी दुर्घटनाग्रस्त स्थान पर तैनात है और एक अन्य जहाज, जो MSC Elsa 3 की कंपनी का है, सहायता के लिए वहां पहुंच चुका है। भविष्य में किसी बड़े संकट की संभावना को देखते हुए कोस्ट गार्ड ने चेतावनी दी है कि जहाज से गिरे कंटेनर समुद्र में तैरते हुए दूसरे जहाजों के लिए खतरा बन सकते हैं और ये कंटेनर तट पर भी आ सकते हैं। केरल के मुख्य सचिव द्वारा इस विषय पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है।
तटरक्षक बल ने अपने बयान में कहा, "केरल का तटीय क्षेत्र जैव विविधता का प्रमुख केंद्र और एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हमारी टीम ने प्रदूषण नियंत्रण की तैयारियां तेज कर दी हैं और राज्य प्रशासन के साथ समन्वय किया जा रहा है।" फिलहाल किसी प्रकार के तेल रिसाव की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, तटरक्षक विमानों को तेल रिसाव की निगरानी करने वाले एडवांस तकनीक से लैस किया गया है और वे स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
कुछ हिस्सों में तेल की परतें दिखाई दे सकती हैं
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने जनता को चेतावनी दी है कि यदि कोई कंटेनर या तेल रिसाव समुद्र तट पर पहुंचता है, तो उसे छूने की कोशिश न करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें। प्राधिकरण ने कहा है कि ऐसे कंटेनर या रसायन समुद्र के रास्ते किनारे तक आ सकते हैं, जिससे खतरा बढ़ सकता है। प्राधिकरण के अनुसार, इस बात की आशंका है कि कंटेनर और तेल सहित अन्य रासायनिक पदार्थ बहकर किनारे पर आ सकते हैं। केएसडीएमए ने यह भी चेतावनी दी है कि तट के कुछ हिस्सों में तेल की परतें दिखाई दे सकती हैं। तटरक्षक बल ने पुष्टि की है कि जहाज में मरीन गैस ऑयल (एमजीओ) और अति निम्न सल्फर ईंधन तेल (वीएलएसएफओ) था।
तटरक्षक बल ने कहा कि वह उत्पन्न हो रही स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और एमएससी ईएलएसए-3 के डूबने के बाद होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों की लगातार निगरानी कर रहा है। समुद्री ईंधन ले जा रहा लाइबेरियाई कंटेनर जहाज शनिवार को केरल तट से लगभग 38 समुद्री मील दूर कई डिग्री झुक गया था, जिससे उसमें रखे कुछ कंटेनर समुद्र में गिर गए थे। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि जहाज की मालिकाना कंपनी का एक और जहाज सहायता के लिए इलाके में पहुंच चुका है।
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